ईस्वर ने हमारे शरीर की रचना कुछ इस प्रकार की है कि ना तो हम अपनी Admin जीवन और शायरी, प्रेम << तुम दिल से हमें यों पुकार... दिवाली पर कहते है पटाखे म... >> ईस्वर ने हमारे शरीर की रचना कुछ इस प्रकार की हैकि ना तो हम अपनी पीठ थपथपा सकते है और ना ही स्वयं को लात मार सकते हैंइसलिए हमारे जीवन में मित्र होना जरुरी हैं। Share on: