न वो इकरार करते हैं औ न इंकार करते हैं वो जब भी सामने आते है Admin बेरुखी पर शायरी, प्रेम << गमों का दौर गर आये नहीं प... जब छोटे थे हम तो जोर से र... >> न वो इकरार करते हैं औ न इंकार करते हैंवो जब भी सामने आते है तो बस तकरार करते हैंये उनकी बेरूखी है या कि अन्दाजे मौहब्बत हैंकोई उनको बताये हम तो उनसे प्यार करते हैं Share on: