तेरी हँसी पर जहा वार दू तेरी ख़ामोशी को मै क्या उपहार दू। कोई अच्छा फूल होता Admin ख़ामोशी शायरी, प्रेम << जीना सरल है मंज़िल भी नहीं >> तेरी हँसी पर जहा वार दूतेरी ख़ामोशी को मै क्या उपहार दू।कोई अच्छा फूल होता तो माली से मंगवाताजो खुद ही गुलाब है उसे क्या गुलाब द Share on: