हक़ीकत थी पर ख़्वाब निकला हास्य << आंसू टपक पड़े बेरोजगार के... अय दोस्त मत कर इन हसीनाओं... >> हक़ीकत थी पर ख़्वाब निकलादूर था पर पास निकलामैं इस बात को क्या कहूंये ज़रदारी तो मुसर्रफ़ का भी बाप निकला। Share on: