आंसू टपक पड़े बेरोजगार के उस एहसास पर ग़ालिब हास्य << कैसे मुमकिन था किसी और दव... हक़ीकत थी पर ख़्वाब निकला >> आंसू टपक पड़े बेरोजगार के उस एहसास पर ग़ालिबकि आंसू टपक पड़े बेरोजगार के उस एहसास पर ग़ालिबजब माँ ने कहा"बेटा खाली बैठा है, जा मटर ही छील ले।" Share on: