मुझसे ‘नफरत’ तभी करना प्यार से नफरत शायरी, Bewafa << बस इतनी ही थी उसकी ओर मेर... तन्हाई का उसने मंज़र नहीं... >> मुझसे ‘नफरत’ तभी करनाजब आप मेरे बारे मे ‘सबकुछ’ जानते होतब नहीं जब किसी से ‘कुछ’ सुना हो । Share on: