तन्हाई का उसने मंज़र नहीं देखा Bewafa << मुझसे ‘नफरत’ तभी करना बेवफाई का डर था तो प्यार ... >> तन्हाई का उसने मंज़र नहीं देखा,अफ़सोस की मेरे दिल के अन्दर नहीं देखा,दिल टूटने का दर्द वो क्या जाने,वो लम्हा उसने कभी जी कर नहीं देखा. Share on: