अब भी ताज़ा हैं ज़ख्म सीने में Admin शायरी में प्रयुक्त, Dard << सो जा ऐ दिल कि अब धुन्ध ब... सुनो >> अब भी ताज़ा हैं ज़ख्म सीने में..बिन तेरे क्या रखा हैं जीने में..हम तो ज़िंदा हैं तेरा साथ पाने को.. Share on: