कब तक बहाना बनाता रहूँ आंख में कचरा चले जाने का Admin आंख पर शायरी, Dard << अच्छा है आँसुओं की कीमत न... किसी भी पेड़ के कटने का आ... >> कब तक बहाना बनाता रहूँ आंख में कचरा चले जाने का....लो आज सरेआम कहता हूँ के तुझे याद करके रोता हूँ मैं....!! Share on: