खुद को वो चाहे लाख मुकमल समझें Admin मुकम्मल शायरी, Love << तमाम नींदें गिरवी हैं हमा... छुपा लूं तुझको अपनी बाँहो... >> खुद को वो चाहे लाख मुकमल समझेंलेकिन मेरे बिना, वो मुझे अधुरा ही लगता है!This is a great मुकम्मल शायरी. Share on: