ये आशिकोँ का शहर है जनाब Admin आशिको की शायरी, Love << अक्सर नींदें चुरा लेता हू... तू नाराज न रहा कर तुझे वा... >> ये आशिकोँ का शहर है जनाब,यहाँ सवेरा सूरज से नही, किसी के दीदार से होता है।This is a great जनाब शायरी. Share on: