फिर इश्क़ का जूनून चढ़ रहा है सिर पे Admin जोश जूनून शायरी, Love << क्या जरूरत है मुझे इतर की... मैं फ़रमाईश हूँ उसकी >> फिर इश्क़ का जूनून चढ़ रहा है सिर पे,मयख़ाने से कह दो दरवाज़ा खुला रखे।This is a great जोश जूनून शायरी. Share on: