मैं क़ाबिल-ए-नफ़रत Admin दिखावे पर शायरी, Love << दिल से तेरी निगाह जिगर तक... जला कर शमा-ए-उल्फत आप ने ... >> मैं क़ाबिल-ए-नफ़रत, हूँ तो छोड़ दो मुझकोमगर यूं मुझसे दिखावे की मोहब्बत ना किया करो। Share on: