![](http://cdn.pagalshayari.com/images/FB/ham-badalate-vakt-ki-aawaj-hain-aap-to-sahab-yu-hi-naraj-hain-aap-kyon-kar-mutmun-poetry-hindi-shayari.jpg)
हम बदलते वक़्त की आवाज़ हैंआप तो साहब यूँ ही नराज़ हैंआप क्यों कर मुत्मुइन होंगे भलाहम नई तहज़ीब का अंदाज़ हैं...हम वही नन्हें परिन्दे परिन्दे हैं हुज़ूरजो नई परवाज़ का आग़ाज़ हैंभोर के सूरज की हम पहली किरनआप माज़ी का शिकस्ता साज़ हैंआप जिस पर्बत से डरते है जनाबहम उसे रौंदेंगे हम जाँबाज़ हैंफैसला चलिए करें इस बात परतीर हैं हम आप तीरंदाज़ हैंटूटती है सदी की ख़ामोशीफिर कोई इंक़लाब आएगामालियो! तुम लहू से सींचो तोबाग़ पर फिर शबाब आएगा...सारा दुख लिख दिया भविष्यत कोमेरे ख़त का जवाब आएगाआज गर तीरगी है किस्मत मेंकल कोई आफ़ताब आएगा