जो बात मुनासिब है वो हासिल नहीं करते Admin अफ़सोस शायरी, Sad << एक मुद्दत से मेरे हाल से ... दोस्तों को भी मिले दर्द क... >> जो बात मुनासिब है वो हासिल नहीं करतेजो अपनी गिरह में हैं वो खो भी रहे हैंबे-इल्म भी हम लोग हैं ग़फ़लत भी है तेरीअफ़सोस के अंधे भी हैं और सो भी रहे हैं।This is a great हासिल शायरी. Share on: