हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो गम मिलते हैं Admin Sad << मेरी खामोशी से किसी को को... नींद से क्या शिकवा जो आती... >> हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो गम मिलते हैं,हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हैं।This is a great ताल्लुक शायरी. Share on: