उन गलियों से जब गुज़रे तो मंज़र अजीब था Admin लकीरें शायरी, Sad दिल की हालात बताई नहीं जा... >> उन गलियों से जब गुज़रे तो मंज़र अजीब थादर्द था मगर वो दिल के करीब थाजिसे हम ढूँढ़ते थे अपनी हाथों की लकीरों मेंवो किसी दूसरे की किस्मत किसी और का नसीब था।This is a great गली शायरी. True lovers of shayari will love this बेवफा दुनिया शायरी. Share on: