सभी हिंदी शायरी

मा'रिफ़त के लिए आगही के लिए

मा'रिफ़त के लिए आगही के लिए ...

rahbar-tabani-dariyabadi

बा'द मरने के कोई बोसा-ए-रुख़्सत देगा

बा'द मरने के कोई बोसा-ए-रुख़्सत देगा ...

aabid-umar

कुछ मिरी सुन कुछ अपनी सुना ज़िंदगी

कुछ मिरी सुन कुछ अपनी सुना ज़िंदगी ...

arif-ansari

मैं अपने जिस्म में कुछ इस तरह से बिखरा हूँ

मैं अपने जिस्म में कुछ इस तरह से बिखरा हूँ ...

aabid-adeeb

अश्कों से अपनी आँखें भिगोता रहा ग़ज़ाल

अश्कों से अपनी आँखें भिगोता रहा ग़ज़ाल ...

a.r-sahil-'aleeg'

गुज़रे जो अपने यारों की सोहबत में चार दिन

गुज़रे जो अपने यारों की सोहबत में चार दिन

a-g-josh

गुज़रे जो अपने यारों की सोहबत में चार दिन

गुज़रे जो अपने यारों की सोहबत में चार दिन

a-g-josh

तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा कर के

तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा कर के ...

rahat-indori

हुस्न-ए-मह गरचे ब-हंगाम-ए-कमाल अच्छा है

हुस्न-ए-मह गरचे ब-हंगाम-ए-कमाल अच्छा है ...

mirza-ghalib

ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैनाँ बनाए बतियाँ

ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैनाँ बनाए बतियाँ ...

ameer-khusrau

बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना

बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना ...

mirza-ghalib

अब की होली में रहा बे-कार रंग

अब की होली में रहा बे-कार रंग ...

imam-bakhsh-nasikh

आरज़ूएँ हज़ार रखते हैं

आरज़ूएँ हज़ार रखते हैं ...

meer-taqi-meer

हौसले ज़िंदगी के देखते हैं

हौसले ज़िंदगी के देखते हैं ...

rahat-indori

उमीद

वो सुब्ह कभी तो आएगी ...

sahir-ludhianvi

यूँ भी हुआ कमाल मिरे पास आ गई

यूँ भी हुआ कमाल मिरे पास आ गई ...

raghvendra-dwivedi

तुम को देखा तो ये ख़याल आया

तुम को देखा तो ये ख़याल आया ...

javed-akhtar

किसे ख़बर है कि उम्र बस उस पे ग़ौर करने में कट रही है

किसे ख़बर है कि उम्र बस उस पे ग़ौर करने में कट रही है ...

tahzeeb-hafi

आप का ए'तिबार कौन करे

आप का ए'तिबार कौन करे ...

dagh-dehlvi

मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है

मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है ...

waseem-barelvi
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