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ज़ेर-ए-हुल्क़ूम है सहरा की तपिश का 'आलम

ज़ेर-ए-हुल्क़ूम है सहरा की तपिश का 'आलम ...

bilal-sabir

यूँ तो मैं हूँ फ़लक उस जहाँ के लिए

यूँ तो मैं हूँ फ़लक उस जहाँ के लिए ...

bilal-sabir

ये तेरी चाह के गुल किस तरह उतरते हैं

ये तेरी चाह के गुल किस तरह उतरते हैं ...

bilal-sabir

ये जो है 'आशिक़ी तबर्रुक है

ये जो है 'आशिक़ी तबर्रुक है ...

bilal-sabir

तिरे जाने का दिल को ग़म नहीं है

तिरे जाने का दिल को ग़म नहीं है ...

bilal-sabir

तेरे दीवाने को इस तरह सताया गया है

तेरे दीवाने को इस तरह सताया गया है ...

bilal-sabir

नहर की धारों से निकले और नदी में फँस गए

नहर की धारों से निकले और नदी में फँस गए ...

bilal-sabir

नए तर्ज़ का मिरे साथ आप ने छल किया

नए तर्ज़ का मिरे साथ आप ने छल किया ...

bilal-sabir

मसअले हल नहीं हुए मेरे

मसअले हल नहीं हुए मेरे ...

bilal-sabir

ख़ुद को किस तरह तुम सँभालोगे

ख़ुद को किस तरह तुम सँभालोगे ...

bilal-sabir

जिस तरफ़ कोई न आ पाया उधर आया तू

जिस तरफ़ कोई न आ पाया उधर आया तू ...

bilal-sabir

जब उस ने छोड़ने की दी थी धमकी बाँहों में

जब उस ने छोड़ने की दी थी धमकी बाँहों में ...

bilal-sabir

जाना है आज आना है कल कुछ तो बोल जा

जाना है आज आना है कल कुछ तो बोल जा ...

bilal-sabir

हसरत से क़मर तकता था ख़ुर्शीद-ए-मुबीं था

हसरत से क़मर तकता था ख़ुर्शीद-ए-मुबीं था ...

bilal-sabir

ग़ुस्से में एक शख़्स की महफ़िल गया है दिल

ग़ुस्से में एक शख़्स की महफ़िल गया है दिल ...

bilal-sabir

हम ए'तिबार-ए-जुनूँ बार बार करते रहे

हम ए'तिबार-ए-जुनूँ बार बार करते रहे ...

bhavesh-rajput

चमकती हुई धूप तेज़ी से निकली

चमकती हुई धूप तेज़ी से निकली ...

zehra-nigaah

असर उस को ज़रा नहीं होता

असर उस को ज़रा नहीं होता ...

momin-khan-momin

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ऐ परिंदो किसी शाम उड़ते हुए ...

zeeshan-sahil

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ऐ परिंदे तू है अपनी आग में जलता हुआ ...

zeeshan-sahil
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