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न मुझ को कभी ग़म 'अता कीजिएगा

न मुझ को कभी ग़म 'अता कीजिएगा ...

manish-mohak

भुलाई जा नहीं सकती कभी भी गाँव की मिट्टी

भुलाई जा नहीं सकती कभी भी गाँव की मिट्टी ...

manish-mohak

फिर हरा होने की ख़्वाहिश का इरादा सूखे

फिर हरा होने की ख़्वाहिश का इरादा सूखे ...

kunaal-barkade

पतंग ऊँची उड़ानी चाहिए थी

पतंग ऊँची उड़ानी चाहिए थी ...

kunaal-barkade

कितना कुछ यूँ तिरे होंठों से बयाँ होता है

कितना कुछ यूँ तिरे होंठों से बयाँ होता है ...

kunaal-barkade

इधर उगा रहा हूँ मैं मचल मचल के फूल

इधर उगा रहा हूँ मैं मचल मचल के फूल ...

kunaal-barkade

ग़म-ए-'अज़ीज़ कोई तो 'कुनाल' होगा मुझे

ग़म-ए-'अज़ीज़ कोई तो 'कुनाल' होगा मुझे ...

kunaal-barkade

दिल के एहसास में भी जान तो हो सकती है

दिल के एहसास में भी जान तो हो सकती है ...

kunaal-barkade

बिक गए हैं जो यहाँ थोड़ी सी रिश्वत के लिए

बिक गए हैं जो यहाँ थोड़ी सी रिश्वत के लिए ...

kunaal-barkade

शब-ए-ग़ुर्बत में जो ख़ुशबू-ए-वतन पास आई

शब-ए-ग़ुर्बत में जो ख़ुशबू-ए-वतन पास आई ...

khursheed-rizvi

रहूँ ख़मोश तो जाँ लब पे आई जाती है

रहूँ ख़मोश तो जाँ लब पे आई जाती है ...

khursheed-rizvi

दिल की ख़ल्वत से ज़बाँ तक का सफ़र किस ने किया

दिल की ख़ल्वत से ज़बाँ तक का सफ़र किस ने किया ...

khursheed-rizvi

'आफ़ियत कहती है फिर एक सितमगर को बुलाएँ

'आफ़ियत कहती है फिर एक सितमगर को बुलाएँ ...

khursheed-rizvi

तेरा हुस्न-ओ-जमाल लिखता हूँ

तेरा हुस्न-ओ-जमाल लिखता हूँ ...

khayal-laddakhi

रही मेरी शायद दु'आ निस्फ़ से कम

रही मेरी शायद दु'आ निस्फ़ से कम ...

khayal-laddakhi

माज़ी के ख़यालात से रिश्ता नहीं मेरा

माज़ी के ख़यालात से रिश्ता नहीं मेरा ...

khayal-laddakhi

मैं शायद खेलने खाने लगा हूँ

मैं शायद खेलने खाने लगा हूँ ...

khayal-laddakhi

मै-कदा है ख़ुमार है थोड़ा

मै-कदा है ख़ुमार है थोड़ा ...

khayal-laddakhi

जब कली पर शबाब आता है

जब कली पर शबाब आता है ...

khayal-laddakhi

हवाओं को मैं पढ़ना सीख लूँगा

हवाओं को मैं पढ़ना सीख लूँगा ...

khayal-laddakhi
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