दर्द से मेरे दिल का रिश्ता तुमसे भी कुछ ऐसा ही था दिल में कितने गुलाब Admin Dard << हर भूल तेरी माफ़ की किसने तोड़ा है सागर मैखान... >> दर्द से मेरे दिल का रिश्ता तुमसे भी कुछ ऐसा ही थादिल में कितने गुलाब खिले जब मन उलझा कांटों में थाकितने दुख सहे तेरे इश्क में इससे अच्छा तन्हा ही थाजब टूटा था घर ये मेरा दीवारों संग आईना भी था Share on: