ज़िन्दगी! तू कोई दरिया है कि सागर है कोई Admin मेरी ज़िन्दगी शायरी, Dard << तुम मेरे लिए कोई इल्जाम न... हम तो फूलों की तरह अपनी आ... >> ज़िन्दगी! तू कोई दरिया है कि सागर है कोई,मुझको मालूम तो हो कौन से पानी में हूँ मैं । Share on: