कांटो सी चुभती है तन्हाई! अंगारों सी सुलगती है तन्हाई! कोई आ कर हम दोनों को ज़रा Admin रोने पर शायरी, Dard << दर्द तो अकेले ही सहते हैं... आज तुम हर साँस के साथ याद... >> कांटो सी चुभती है तन्हाई!अंगारों सी सुलगती है तन्हाई!कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे!मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई! Share on: