किसने तोड़ा है सागर मैखाने में कोई टूटा है शायद मैखाने में मैंने सर पे कफन Admin मयखाने शायरी, Dard << दर्द से मेरे दिल का रिश्त... बहुत रोता है दिल सूनी रात... >> किसने तोड़ा है सागर मैखाने में कोई टूटा है शायद मैखाने मेंमैंने सर पे कफन जबसे बांध लिया सब डरते हैं मुझसे जमाने मेंदर्द खुद को ही यूं मिटाता है अश्क दिखते नहीं सिरहाने मेंआज भी सीने में वो खुशबू है कोई आया था कभी इन बाहों में Share on: