माँ ने रख दी आखिरी रोटी भी मेरी थाली में Admin पागल पन शायरी, Dard << अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी... रास्ते जैसे भी थे >> माँ ने रख दी आखिरी रोटी भी मेरी थाली में..मै पागल फिर भी खुदा की तलाश करता हूँ.. Share on: