मुस्कुराते हुए पलकों पे चल4 Admin पलकों की शायरी, Dard << मेरे घर से theka इतने क़र... ना मिलता गम तो बर्बादी के... >> मुस्कुराते हुए पलकों पे चल447 आते हैं..क्या ख़बर कहाँ से गम चले आते हैं..आज भी उसी मोड़ पे खड़ा हूँ मै..जहाँ कहा था आपने, हम अभी आते हैं..!!! Share on: