तेरे इन्तज़ार में यूं हर रोज़ झिलमिलाती है आँखे Admin मज़ार शायरी, Dard << आज तक रखे हैं पछतावे की अ... सूखे पत्ते को उड़ते हुए दे... >> तेरे इन्तज़ार में यूं हर रोज़ झिलमिलाती है आँखे,के जैसे मज़ार पे जलता है कोई दिया शाम ढले..... Share on: