तुम मेरे लिए कोई इल्जाम न ढूँढ़ो चाहा था तुम्हे Admin इल्जाम पर शायरी, Dard << बोझ बन जाऊँगा एक दिन अपने... ज़िन्दगी! तू कोई दरिया है... >> तुम मेरे लिए कोई इल्जाम न ढूँढ़ोचाहा था तुम्हे, यही इल्जाम बहुत है Share on: