खामोश रहता हूँ क्योंकि अभी दुनिया को समझ रहा हूँ Admin खिलाड़ी शायरी, Decent << पहले जैसा रंग नहीं है जीव... ज़रूरी तो नहीं कि हर चाहत ... >> खामोश रहता हूँ क्योंकि अभी दुनिया को समझ रहा हूँ.समय जरूर लगेगा,पर जिस दिन दांव खेलूंगा उस दिन खिलाड़ी भी मेरे होंगे.और खेल भी मेरा होगा| Share on: