मुझे दर्द-ए-दिल का पता न था मुझे आप किस लिए मिल गए मैं अकेले यूँही मज़े में था मुझे आप किस लिए मिल गए यूँही अपने अपने सफ़र में गुम कहीं दूर मैं कहीं दूर तुम चले जा रहे थे जुदा जुदा मुझे आप किस लिए मिल गए न मैं चाँद हूँ किसी शाम का न चराग़ हूँ किसी बाम का मैं तो रास्ते का हूँ इक दिया मुझे आप किस लिए मिल गए मुझे दर्द-ए-दिल का पता न था मुझे आप किस लिए मिल गए