आरज़ू है बहुत किनारे की देर है बस तेरे इशारे की वो यहाँ आए और चले भी गए क्या ज़रूरत थी नाम-चारे की ऐ हवाओ उधर न ले जाओ मैं लहर हूँ उसी किनारे की चाँद का नाम दीजिए न मुझे सिर्फ़ परछाईं हूँ सितारे की ज़िंदगी क्या है कुछ नहीं है बस एक तस्वीर है शरारे की मेरी हालत भी आज ऐसी है जैसी गर्दिश में इक सितारे की