अब आप कह रहे हैं कि चेहरा उदास है मैं ने सुना था आप का कमरा उदास है गर्दन है ख़ुद-कुशी के बहाने तलाशती हर रोज़ मुझ से कहती है पंखा उदास है बारिश में भीगती हुई लड़की को क्या ख़बर फ़ुटपाथ पर पड़ा हुआ छाता उदास है कोई न देख पाया तो बोला नहीं कोई गूँगा है बद-गुमान तो अंधा उदास है पटरी पे लेट जाऊँगा सर्वत नहीं हूँ मैं पर जानता हूँ रेल का पहिया उदास है बरगद की शाख़ तोड़ दी आँधी ने पिछली रात इस वास्ते तो गाँव का बूढ़ा उदास है