अब भी मैं यार हूँ ज़रा होश-ओ-हवास में थोड़ी शराब और दे मेरे गिलास में स्कूल का वो वक़्त मुझे अब भी याद है पढ़ता था उस का चेहरा मैं अपने क्लास में हर कोई उस के वास्ते मरने को फिरता था हर कोई जी रहा था बस उस की ही आस में सब लड़के उस को देख के बेताब होते थे होती थी इस तरह से वो दाख़िल क्लास में