अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है हम मरे जाते हैं तुम कहते हो हाल अच्छा है तुझ से माँगूँ मैं तुझी को कि सभी कुछ मिल जाए सौ सवालों से यही एक सवाल अच्छा है देख ले बुलबुल ओ परवाना की बेताबी को हिज्र अच्छा न हसीनों का विसाल अच्छा है आ गया उस का तसव्वुर तो पुकारा ये शौक़ दिल में जम जाए इलाही ये ख़याल अच्छा है आँखें दिखलाते हो जोबन तो दिखाओ साहब वो अलग बाँध के रक्खा है जो माल अच्छा है बर्क़ अगर गर्मी-ए-रफ़्तार में अच्छी है 'अमीर' गर्मी-ए-हुस्न में वो बर्क़-जमाल अच्छा है