अगर हमारे ही दिल में ठिकाना चाहिए था तो फिर तुझे ज़रा पहले बताना चाहिए था चलो हमी सही सारी बुराइयों का सबब मगर तुझे भी ज़रा सा निभाना चाहिए था अगर नसीब में तारीकियाँ ही लिक्खी थीं तो फिर चराग़ हवा में जलाना चाहिए था मोहब्बतों को छुपाते हो बुज़दिलों की तरह ये इश्तिहार गली में लगाना चाहिए था जहाँ उसूल ख़ता में शुमार होते हों वहाँ वक़ार नहीं सर बचाना चाहिए था लगा के बैठ गए दिल को रोग चाहत का ये उम्र वो थी कि खाना कमाना चाहिए था