अजब देखा है मंज़र दाएरे में सिमट आया समुंदर दाएरे में कहीं तो ख़त्म हो कैसा सफ़र है फिरा हूँ ज़िंदगी भर दाएरे में तू फ़ातेह है खुले मैदाँ का माना खुलेगा तेरा जौहर दाएरे में तू मेरी आँख से दरिया चुरा ले मैं लाऊँगा समुंदर दाएरे में मैं तेरा वक़्त हूँ मत रोक मुझ को मैं तेरे साथ हूँ हर दाएरे में ऐ मेरे हम-नफ़स लिक्खा गया है तिरा मेरा मुक़द्दर दाएरे में मुझे टुकड़ों में बाँटा जा रहा है बपा है एक महशर दाएरे में मैं जिस की खोज में 'औसाफ़' गुम हूँ वो आया है बराबर दाएरे में