अजनबी बन के तो गुज़रा मत कर दोस्ती का यूँ तमाशा मत कर तेरी आँखें नहीं दो जुगनू हैं बे-सबब उन को भिगोया मत कर उस के आने का गुमाँ होता है ऐ हवा पर्दा हिलाया मत कर मैं मुसाफ़िर हूँ सफ़र क़िस्मत है मेरे बारे में तू सोचा मत कर ज़िंदगी हो कि मोहब्बत हो 'शम्स' ऐसी चीज़ों पे भरोसा मत कर