अपने फ़न में यकता हूँ मैं भी तेरे जैसा हूँ सारे जग में तन्हा हूँ जब से तुझ से बिछड़ा हूँ मुझ में बस तू ही तू है मैं तेरा आईना हूँ मुझ से ये कैसी दूरी मैं तो तेरा साया हूँ जब से तू ने ठुकराया गलियों गलियों भटका हूँ दिल की बंजर धरती में मीठे सपने बोता हूँ ज़र वालों की बस्ती में 'आरिफ़' खोटा सिक्का हूँ