अपना होना बना रहा हूँ मैं दिल से दुनिया बना रहा हूँ मैं एक धड़का लगा है सीने को ऐसा भी क्या बना रहा हूँ मैं दिल को बेला बनाया अब इस पर हीर राँझा बना रहा हूँ मैं रद मैं करता हूँ सब रवय्यों को रस्ता अपना बना रहा हूँ मैं पहले काग़ज़ पे प्यास लिक्खा था इस पे सहरा बना रहा हूँ मैं