अश्कों ने समुंदर में इक आग लगाई है पानी पे सितम-गर की तस्वीर बनाई है इस दिल ने रुलाया है इक बार मुझे फिर से इस दिल ने मुझे फिर से वो याद दिलाई है ये कैसी जुदाई है जो ख़त्म नहीं होती ये कैसी उदासी है इस दिल पे जो छाई है मैं ने ही मोहब्बत का इज़हार किया पहले मैं ने ही उसे जा कर ये बात बताई है मुश्किल से गुज़ारा है इस दिल ने बहुत मुझ को इस दिल को अगर तेरी कुछ याद भी आई है इक काम का हम ने भी ये काम किया है बस इक नाम की शोहरत ही बस हम ने कमाई है बस मैं ने 'वक़ास' उस को इस दिल में बसाया है बस मैं ने 'वक़ास' उस से ये बात छुपाई है