बाद-ए-सरसर की करामात से पहले क्या था ये न पूछो कि यहाँ रात से पहले क्या था अब तो वो नस्ल भी मादूम हुई जाती है जो बताती थी फ़सादात से पहले क्या था ऐ समुंदर तिरी आँखें हैं यहाँ सब से क़दीम इस जज़ीरे पे मकानात से पहले क्या था ऐ ज़मीं कितनी पुरानी है ये नीली चादर तेरे शानों पे समावात से पहले क्या था इश्क़ एलान से पहले था 'शनावर' क्या चीज़ हुस्न इज़हार-ए-ख़यालात से पहले क्या था