बात करें यूँ मुँह न खोलें By Ghazal << होंटों को फूल आँख को बादा... हसरत-ए-आब-ओ-गिल दोबारा नह... >> बात करें यूँ मुँह न खोलें दिल की बातें आँखें बोलें कैसे तन्हा रात कटेगी यादों की गठरी ही खोलें बहुत जिए औरों की ख़ातिर अब तो कुछ अपने भी हो लें ख़्वाबों के कुछ बीज चुने हैं आँखों के खेतों में बो लें हर लम्हा इक बोझ लगे है जैसे भी ढोना हो ढो लें Share on: