बद-गुमाँ क्या क़ब्र में अरमाँ तिरे ले जाएँगे हम अकेले आए हैं जैसे अकेले जाएँगे किस क़दर साबित क़दम हैं रह-रवान-ए-कू-ए-दोस्त जाएँगे फिर उन की कोई जान ले ले जाएँगे हज़रत-ए-दिल और फिर जाएँ न उस की बज़्म में झिड़कियाँ दे ले कोई इल्ज़ाम दे ले जाएँगे तुम सता लो मुझ को लेकिन यूँ न हर इक से मिलो ज़ुल्म सह लूँगा मगर सदमे न झेले जाएँगे इस गली में डाल दो ता सँभलें ठोकर खा के ग़ैर यूँ भी इक दिन ख़ाक में आँखों के ढेले जाएँगे है दुआओं का असर संग-ए-हवादिस ही अगर अपने हाथों फिर तो ये सदमे न झेले जाएँगे ख़ैर ख़्वाहों राज़-दारों की बहुत निय्यत देख ली आज से हम उस की महफ़िल में अकेले जाएँगे बे-कसी में कौन किस का साथ देता है 'सफ़ी' मिलने वाले हैं तमाशे के ये मेले जाएँगे