बढ़ा के हाथ ज़मीं से उठा लिया जाए जो बच गया है उसी को बचा लिया जाए अना की जंग ने बर्बाद कर दिए रिश्ते अगरचे इश्क़ है तो सर झुका लिया जाए हमारे दिल पे कभी आप की हुकूमत थी तो क्यूँ न आप से ही मशवरा लिया जाए कि जगमगाती उदासी है शहर में तेरे चलो उदासी का मिल कर मज़ा लिया जाए उठे तो चल ही पड़ेंगे ये कारवाँ के साथ गिरे पड़ों को गले से लगा लिया जाए मैं एक चोर चुराता हूँ क़ीमती ज़ेवर तुम्हारी आँख से आँसू चुरा लिया जाए सुलगती रेत के उस पार इश्क़ का दरिया मिरे ख़याल से पाँव जला लिया जाए