बढ़ती रही हर साल जो तादाद हमारी क्या याद करेगी हमें औलाद हमारी डिस्को के मुग़न्नी की झलक देख के मजनूँ चीख़ा कि मदद कीजिए उस्ताद हमारी मशरिक़ से तअल्लुक़ है न मग़रिब से कनेक्शन फैशन ने हिला डाली है बुनियाद हमारी शीरीं को बना रक्खा है दफ़्तर का स्टेनो तक़लीद करेगा कोई फ़रहाद हमारी हम ने तो उन्हें जामिआ से नक़्द ख़रीदा फिर किस तरह जाली हुईं अस्नाद हमारी जिस रोज़ से मेम्बर वो कमेटी का हुआ है सुनता नहीं रूदाद करम-दाद हमारी जिस वक़्त भी वो आलमी नैट ऑन करेगा ईमेल दिला देगी उसे याद हमारी