बगूलों का बुलावा आ चुका है देखते क्या हो चलो क़दमों में अब तो रास्ता है देखते क्या हो समुंदर से लिपट कर दिल का हर अरमाँ निकाल आओ तलातुम अब तुम्हारा नाख़ुदा है देखते क्या हो अभी भी वक़्त है ऐ दोस्तो इस को बदल डालो बहुत ज़हरीली ये आब-ओ-हवा है देखते क्या हो फ़लक तो सिर्फ़ आँखों को थकाने का बहाना है निकल लो हाथ भर का फ़ासला है देखते क्या हो उठो और इस में मिल जाओ कि सारा कारवाँ 'आबिद' तुम्हारे वास्ते ठहरा हुआ है देखते क्या हो