हसरतें बर आएँगी ख़्वाहिश के मिट जाने के बा'द रौशनी आती है दिन की रात कट जाने के बा'द जुस्तुजू राहत की पैदा करती है हैजान को ज़लज़ले होते हैं साकिन कोह फट जाने के बा'द आज़माइश सब्र की जब ख़त्म होगी देखना इम्तिहाँ होगा तुम्हारा उम्र कट जाने के बा'द ऐश में राहत कहाँ ग़ाफ़िल तू है किस भूल में राहतें हमवार होगी ऐश कट जाने के बा'द ज़िंदगी इक ख़्वाब 'गीता' आरज़ू बे-कार है राज़ अफ़्शा होंगे सब नक़्शे पलट जाने के बा'द