बस्ती बस्ती मक़्तल बाबा शहर से अच्छा जंगल बाबा चाँद में बैठी बुढ़िया पूछे क्यूँ हुई दुनिया पागल बाबा दरवेशी में ख़ाक बराबर सोना हो या पीतल बाबा जिस का मन धनवान है उस के तन का टाट भी मख़मल बाबा यार मिले तो सब दिन अच्छे क्या जुमअ' क्या मंगल बाबा जाने कहाँ और किस पर बरसे वक़्त है उड़ता बादल बाबा उपदेशों में बीत न जाए जीवन है कर्म-अस्थल बाबा जो करना है आज ही कर ले जाने कौन रहे कल बाबा