बयाबाँ मर्ग है मजनून-ए-ख़ाक-आलूदा-तन किस का सिए है सोज़न-ए-ख़ार-ए-मुग़ीलाँ तू कफ़न किस का ब-गर्द-ए-कारवाँ दिल जूँ जरस है नारा-ज़न किस का अज़ीज़ो कम हुआ है यूसुफ़-ए-गुल-पैरहन किस का पड़ा रहने दे अब है तुझ को फ़िक्र-ए-ग़ुस्ल-ए-तन किस का शहीद-ए-नाज़ हूँ तेरा लहद किस की कफ़न किस का