भरोसा कर लिया जिस पर उसी ने हम को लूटा है कहाँ तक नाम गिनवाएँ सभी ने हम को लूटा है कभी बढ़ कर हमारा रास्ता रोका अँधेरों ने कभी मंज़िल दिखा कर रौशनी ने हम को लूटा है जो लुटते मौत के हाथों तो कोई ग़म नहीं होता सितम इस बात का है ज़िंदगी ने हम को लूटा है हमारी बेबसी पर मुस्कुरा कर देखने वालो तुम्हारे शहर की एक एक गली ने हम को लूटा है